C++ एक ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग भाषा हैं। जिसे 1979 के शुरुआत में AT&T bell Laboratories में Bjarene Stroustrup द्वारा विकसित किया गया था। जहाँ c प्रोग्रामिंग को भी लैब में 1972 में विकसित किया गया था। पहले इसका नाम C with Classses रखा गया था। बाद में ऐसे 1983 में नाम बदल कर सी++ कर दिया गया। यह प्रोग्रामिंग लैंग्वेज ट्रडिशनल प्रोसेदूराल लैंग्वेज से भिन्न हैं। यह OOP ( Object Oriented Programming ) के सिद्धांत पर बेस्ड हैं। लकिन आप c++ को c प्रोग्रामिंग के exetension के रूप में समझे क्योंकि C++ को C सारे syntatic कांसेप्ट वही हैं बस इसमें additional फीचर जोड़े गये जो। सॉफ्टवेयर के डेवलपमेंट प्रोसेस में जटिल और बड़े प्रोजेक्ट को आसानी से हैंडल किया जा सके।
C एंड C++ में अंतर्
C++ को इंटरमीडिएट स्तर के भाषा हैं। यह High और Low स्तर दोनों के काम में लाया जा सकता हैं।
इसी लिए सी प्लस प्लस को सी प्रोग्रामिंग एक्सेटेंसियों कहा जाता हैं।
C प्रोग्राम में वेरिएबल को उपयोग करने से पहले declare करना होता हैं।
और सी ++ में यह आपको आजादी होती हैं की आप कही भी वेरिएबल और फंक्शन को लिख सकते हैं।
C++ में वेरिएबल के स्कोप को scope resolution oprator की मदद से परिवर्तन कर सकते हैं। किन्तु सी में यह फैसिलिटी उपलब्ध नहीं होती हैं।
C भाषा में top-down apporoce होता है , C++ में top-down और down-top दोनों approach का इस्तेमाल होता हैं।
C एक procedural लैंग्वेज हैं और C ++ एक Object Oriented Programming लैंग्वेज हैं।
C में आप मात्र 32 अक्षरों तक के बने identifiers के नाम रख सकते हैं वही c ++ में identifier के नाम की लम्बाईए असीमित हैं।
C++ में Hello World प्रोग्राम kaise बनाये।
#include <iostream.h> using namespace std; int main() { cout<< "Hello World" <<endl; return 0; }
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